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क्या मनीष सिसोदिया फिर जाएंगे जेल? 2000 करोड़ घोटाले में ACB का दूसरा समन!
क्या मनीष सिसोदिया फिर जाएंगे जेल? 2000 करोड़ घोटाले में ACB का दूसरा समन!
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, June 10, 2025
Last Updated On: Tuesday, June 10, 2025
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं. भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने उनसे जुड़े एक कथित 2000 करोड़ रुपये के घोटाले में पूछताछ के लिए दूसरा समन जारी किया है. ACB ने सिसोदिया को एक निर्दिष्ट तिथि पर पेश होने का निर्देश दिया है, ताकि मामले में विस्तृत पूछताछ की जा सके.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Tuesday, June 10, 2025
Manish Sisodia ACB Summons: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की कानूनी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कथित 2,000 करोड़ रुपये के क्लासरूम निर्माण घोटाले के सिलसिले में उन्हें दूसरा समन जारी किया है. इससे पहले उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे निजी कारणों का हवाला देकर एसीबी कार्यालय में पेश नहीं हुए.
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला एक सरकारी परियोजना से जुड़ा हुआ है, जिसमें फंड के दुरुपयोग और सरकारी नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई है. पहली बार भेजे गए समन पर सिसोदिया ने या तो समय मांगा था या पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद अब ACB ने दूसरी बार तलब किया है.
टेंडर प्रक्रियाएं जानबूझकर नियमों को ताक पर रखकर की
गौरतलब है कि मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पहले से ही दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में जेल में रह हैं. अब इस नए मामले में आरोप है कि सिसोदिया के कार्यकाल में कुछ ठेके और टेंडर प्रक्रियाएं जानबूझकर नियमों को ताक पर रखकर की गईं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.
क्लासरूम निर्माण घोटाला : सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ
ACB ने इस घोटाले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) से भी पूछताछ की है, जिन्हें 6 जून को तलब किया गया था. एजेंसी ने 30 अप्रैल को सिसोदिया और जैन दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप है कि पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में 12,748 कक्षाओं और इमारतों का निर्माण अत्यधिक बढ़ी हुई लागत पर किया गया.
एफआईआर में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया उस समय शिक्षा मंत्री थे, जबकि सत्येंद्र जैन के पास लोक निर्माण विभाग (PWD) का जिम्मा था. जांच एजेंसी के अनुसार, परियोजना में भारी वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं. एफआईआर में यह भी दर्ज है कि तय समय सीमा के भीतर एक भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ, जबकि निर्माण लागत गैरवाजिब रूप से बढ़ाई गई.
कक्षाओं का निर्माण 8,800 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से
ACB का आरोप है कि कक्षाओं का निर्माण 8,800 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से किया गया, जबकि सामान्यतः आवासीय फ्लैटों की औसत निर्माण लागत लगभग 1,500 रुपये प्रति वर्ग फुट होती है. इसके अलावा, सलाहकार और वास्तुकार की नियुक्ति में भी प्रक्रियात्मक गड़बड़ियां पाई गईं और उन्हें बिना उचित प्रक्रिया के नियुक्त किया गया. एसीबी का कहना है कि सक्षम प्राधिकारी से अनुमति मिलने के बाद ही यह मामला दर्ज किया गया. अब सवाल यह है कि क्या मनीष सिसोदिया इस बार पूछताछ के लिए पेश होंगे, या उन्हें एजेंसी की ओर से और कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला तेज
दलों ने इस पूरे मामले को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला तेज कर दिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने इस समन को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और कहा है कि भाजपा सरकार AAP नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है.
अब सवाल यह उठता है कि क्या मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को एक और भ्रष्टाचार मामले में फिर से हिरासत में लिया जाएगा? या वे इस मामले में किसी राहत की उम्मीद कर सकते हैं? फिलहाल नजरें इस पर टिकी हैं कि ACB की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और सिसोदिया इस समन का क्या जवाब देते हैं.