States News
यमुना के पानी में जहर है या नहीं, AAP और BJP में जारी है सियासी धींगामुश्ती
यमुना के पानी में जहर है या नहीं, AAP और BJP में जारी है सियासी धींगामुश्ती
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, January 30, 2025
Updated On: Thursday, January 30, 2025
दिल्ली में यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। विपक्ष ने दिल्ली सरकार पर यमुना को साफ करने में विफल रहने का आरोप लगाया है, जबकि AAP ने दावा किया है कि यमुना के पानी में कोई जहर नहीं है और BJP इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, January 30, 2025
Yamuna water contamination: यमुना नदी के पानी को लेकर हरियाणा सरकार के साथ विवाद के बीच AAP सांसद संजय सिंह, दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय और पार्टी नेता रीना गुप्ता 7 PPM अमोनिया-दूषित पानी की 3 बोतलें लेकर भाजपा मुख्यालय के पास पहुंचे। इस बीच, यमुना के पानी की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम को लगाया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि पानी पीने या स्नान के लिए सुरक्षित है या नहीं। इस मुद्दे पर AAP और BJP की बयानबाजी लगातार जारी है, जिससे यह मामला राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। BJP नेताओं ने यमुना के बढ़ते प्रदूषण को लेकर AAP सरकार को घेरा है और कहा कि दिल्ली में नदियों की सफाई के लिए किए गए वादे सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। वहीं, AAP ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार यमुना की सफाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है और BJP राजनीति करने के बजाय समाधान पर ध्यान दे।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे किया ये सवाल
AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मैं चुनाव आयोग से कहना चाहूंगा कि वे दिल्ली में पैसे का खुला वितरण नहीं दिख रहा… चुनाव आयोग राजनीति कर रहा है क्योंकि राजीव कुमार अपनी सेवानिवृत्ति के बाद नौकरी चाहते हैं। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि इतिहास उन्हें माफ नहीं करेगा… मुझे पता है कि वे मुझे 2 दिनों के भीतर जेल में डाल देंगे, डाल दें… अगर उन्हें राजनीति करनी है, तो दिल्ली की किसी भी सीट से चुनाव लड़ लें… मैं चुनाव आयोग को तीन बोतलें (जिसमें क्लोरीन मिला हुआ 7 PPM अमोनिया-दूषित पानी होगा) भी भेजूंगा… राजीव कुमार को भेजूंगा। तीनों चुनाव आयुक्तों को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे पीने दें, हम अपनी गलती मान लेंगे।”
यमुना को लेकर चुनावी मंचों से होती रही है राजनीति
दिल्ली की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी कोई नई बात नहीं है। हर चुनाव से पहले यमुना की सफाई और शुद्धिकरण का मुद्दा राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों में शामिल रहता है, लेकिन चुनाव खत्म होते ही इस पर चर्चा ठंडी पड़ जाती है।
AAP और BJP के बीच लगातार तकरार
दिल्ली में सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच यमुना की सफाई को लेकर अक्सर आरोप-प्रत्यारोप होते रहे हैं। AAP सरकार का दावा है कि उसने यमुना को साफ करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन BJP का आरोप है कि दिल्ली सरकार सिर्फ वादे करती है, काम नहीं।
2013 से अब तक बदलते रहे दावे
2013 में AAP के सत्ता में आने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने यमुना को साफ करने के लिए विशेष योजना बनाने का ऐलान किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी यमुना की सफाई एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना। लेकिन, आज भी यमुना का पानी गंदगी और झाग से भरा हुआ है।
यमुना की सफाई, वादा या हकीकत?
राजनीतिक दलों द्वारा हर चुनाव में यमुना की सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्टों के अनुसार, यमुना में नालों और फैक्ट्रियों का गंदा पानी गिरने से नदी की हालत बदतर होती जा रही है। दिल्ली की जनता हर चुनाव में यमुना को साफ करने के वादों पर भरोसा करती रही है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या यमुना कभी वाकई साफ हो पाएगी, या फिर यह मुद्दा सिर्फ चुनावी मंचों तक ही सीमित रहेगा?
यह भी पढ़ें : यमुना और गंगा: दिल्ली की सियासत में नदियों का राजनीतिक असर