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केजरीवाल के लिए नई मुसीबत: केस चलाने के बाद क्या होगा फैसला ?
केजरीवाल के लिए नई मुसीबत: केस चलाने के बाद क्या होगा फैसला ?
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, December 25, 2024
Last Updated On: Wednesday, December 25, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शराब घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला ईडी की उस शिकायत के बाद आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल ने शराब नीति 2021-22 के जरिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Wednesday, December 25, 2024
ED ने अपनी शिकायत में दावा किया कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने साउथ ग्रुप के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने की साजिश रची और इस राशि का इस्तेमाल गोवा चुनाव में आप के प्रचार के लिए किया गया। एजेंसी ने यह भी कहा कि “आप” इस घोटाले से मिली अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है।
क्या होगा आगे ?
- अदालती कार्रवाई का इंतजार: अब केजरीवाल पर मुकदमा चलाया जाएगा, जिसमें अदालत यह तय करेगी कि आरोपों में कितनी सच्चाई है।
- राजनीतिक प्रभाव: यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि को गहरा धक्का लग सकता है।
- पार्टी की रणनीति: आम आदमी पार्टी पहले से ही इन आरोपों को राजनीतिक साजिश करार देती रही है। पार्टी ने इसे बीजेपी की “AAP और केजरीवाल को खत्म करने की कोशिश” बताया है।
विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
ED ने इस महीने की शुरुआत में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। ED का दावा है कि दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और उसके कार्यान्वयन में भारी स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ था।
ED ने अपनी अभियोजन शिकायत संख्या 7 में इन आरोपों का उल्लेख किया था, जिसे इसी साल 17 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर किया गया था। अदालत ने इस शिकायत पर 9 जुलाई को संज्ञान लिया।
AAP ने लगाए भाजपा पर निशाने, शराब घोटाले में साजिश के आरोप खारिज
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर तीखा हमला करते हुए तथाकथित शराब घोटाले की जांच को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
AAP ने कहा कि पिछले दो वर्षों में इस मामले की जांच के नाम पर 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए, और 250 से अधिक छापे मारे गए, लेकिन एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ। AAP ने कहा कि इस मामले में कई खामियां हैं, जो पिछले वर्षों में विभिन्न अदालती आदेशों से उजागर हो चुकी हैं। AAP ने आरोप लगाया कि भाजपा का असली मकसद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और AAP को कुचलना है।
दूसरी ओर, ईडी की अभियोजन शिकायत में दावा किया गया है कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने साउथ ग्रुप के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत प्राप्त करने की साजिश रची। आरोप है कि नई शराब नीति बनाकर और उसे लागू कर निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
इस विवाद ने आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और इससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। इन आरोपों ने पहले से विवादित शराब नीति घोटाले को और अधिक गरमा दिया है, जिससे राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी की ओर से इन आरोपों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।