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झांसी हादसा : लापरवाही का है नतीजा, है या कुछ ओर, सियासी बयानों का दौर हो चुका है शुरू
झांसी हादसा : लापरवाही का है नतीजा, है या कुछ ओर, सियासी बयानों का दौर हो चुका है शुरू
Authored By: सतीश झा
Published On: Saturday, November 16, 2024
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
झाँसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में शुक्रवार रात लगी आग के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, शाम करीब 5:00 बजे वार्ड में शॉर्ट सर्किट हुआ था, लेकिन स्टाफ ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद रात करीब 10:45 बजे फिर से शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे वार्ड में आग भड़क गई। इस हादसे में 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई।
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Thursday, May 1, 2025
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को 16 अन्य घायल जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे। एनआईसीयू के बाहरी हिस्से में मौजूद बच्चों को बचा लिया गया, और आंतरिक हिस्से के कुछ बच्चों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया। इस मामले की जांच के लिए गठित समिति की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक करेंगे। समिति में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक (स्वास्थ्य), बिजली विभाग के एक अतिरिक्त निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं का एक अधिकारी और डीजी अग्निशमन विभाग द्वारा नामित एक अधिकारी शामिल होंगे।
इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि समिति को सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। यह समिति आग लगने के प्राथमिक कारणों, किसी भी तरह की लापरवाही की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए सुझाव देगी। शुरुआती जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है।
रात में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) मौके पर पहुंचे। इस घटना में 10 बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि बाकी बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल कॉलेज, प्रशासन और पुलिस की टीम ने बचाव कार्य में पूरी कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा, “मेरी संवेदनाएं उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है।”
#अपडेट–
मुख्यमंत्री #योगी_आदित्यनाथ के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री #बृजेश_पाठक एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को झांसी रवाना भेजा गया है| साथ ही मुख्यमंत्री ने झांसी कमिश्नर और डीआईजी को हादसे की जांच रिपोर्ट 12 घंटे के भीतर देने का आदेश दिया है|#JhansiNews #jhansimedicalcollage… https://t.co/8LvYVLdYD9 pic.twitter.com/q7UGzXyKlz— Galgotias Times (@galgotiastimes) November 16, 2024
शॉर्ट सर्किट की अनदेखी ने बढ़ाया संकट
पहली बार शाम को शॉर्ट सर्किट होने की सूचना पर स्टाफ ने कोई कार्रवाई नहीं की। रात को दूसरी बार शॉर्ट सर्किट होने पर एनआईसीयू वार्ड में भीषण आग लग गई। घटना के समय वार्ड में नवजात शिशु भर्ती थे, जिनमें से 10 की जान चली गई।
सरकार ने गठित की जांच कमेटी
राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को घटना के कारणों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
परिजनों का आक्रोश और सवाल
परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा आग से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। अग्निशमन उपकरणों की कार्यक्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया है।
सरकार उनकी पूरी सहायता करे : डिंपल यादव
झांसी आग्निकांड की घटना पर सपा सांसद डिंपल यादव (MP Dimple Yadav) ने कहा, “ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक घटना घटी है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है सरकार से हमारी मांग है कि उनको चिह्नित करके सजा दिलाई जाए। जितने भी पीड़ित परिवार हैं हमारी संवेदना उनके साथ है। सरकार उनकी पूरी सहायता करे और मुआवजा दें। ”
जिम्मेदारी तय करने की मांग
इस घटना ने अस्पतालों में सुरक्षा मानकों और स्टाफ की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस भयावह हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है।