Delhi Assembly 2025 : महिला सम्मान योजना पर सियासी घमासान

Delhi Assembly 2025 : महिला सम्मान योजना पर सियासी घमासान

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, December 23, 2024

Delhi Assembly 2025: Siyasat ke kendra mein aayi mahila, AAP sarkar aur BJP mein samman yojana par chhidi jung
Delhi Assembly 2025: Siyasat ke kendra mein aayi mahila, AAP sarkar aur BJP mein samman yojana par chhidi jung

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, राजनीति में महिला मतदाता सियासत के केंद्र में आ गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सम्मान योजना को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है।

AAP सरकार की ‘महिला सम्मान योजना’, जिसके तहत महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता देने का वादा किया गया है, ने राजनीति को गर्मा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने का एक कदम बताया है। उन्होंने कहा, “यह योजना महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी।”

दूसरी ओर, भाजपा ने इसे जनता को लुभाने वाला चुनावी स्टंट करार दिया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “केजरीवाल सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की आड़ में जनता को गुमराह कर रही है। यह योजना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक है और इसका उद्देश्य केवल वोट बैंक तैयार करना है।”

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “अरविंद केजरीवाल बौखला गए हैं। उन्होंने पिछले 10 सालों में महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया…अब वे झूठ बोल रहे हैं और महिलाओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं…अगर उन्हें वाकई में महिलाओं के लिए कुछ करना था तो उनके पास 10 साल थे, अब वे महिलाओं के साथ धोखा क्यों कर रहे हैं… दिल्ली की एकमात्र समस्या अरविंद केजरीवाल हैं।

BJP ने AAP सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए और कहा कि महिला सम्मान योजना के लिए धनराशि का स्रोत स्पष्ट नहीं है। भाजपा ने वादा किया है कि वह महिलाओं के लिए दीर्घकालिक और स्थायी योजनाएं लाएगी। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने AAP की महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना पर कहा, “वे 10 साल तक सत्ता में रहे, लेकिन दिल्ली को प्रदूषण मुक्त नहीं कर सके। वे 2025 तक यमुना को साफ करने लेकिन नहीं कर सके। वे अच्छे अस्पताल और स्कूल की बात करते थे लेकिन ऐसा नहीं कर सके। और अब वे नए वादे कर रहे हैं। वे 10 साल से क्या कर रहे थे?… ये सिर्फ चुनावों के मद्देनजर जनता से किए गए चुनावी वादे हैं।”

इस मुद्दे पर दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे बयान दिए हैं। मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, “महिलाओं के कल्याण के लिए BJP ने पिछले 15 सालों में कुछ नहीं किया। अब जब AAP सरकार महिलाओं के लिए कुछ कर रही है, तो उन्हें परेशानी हो रही है।”

कांग्रेस नेता और नई दिल्ली विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने AAP की महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना पर कहा, “जहां तक ​​उनकी महिला सम्मान योजना का सवाल है, उन्होंने इसे पहले क्यों नहीं किया? उन्होंने 2 साल पहले पंजाब में वादा किया था लेकिन एक रुपया भी नहीं दिया, तो जनता उनपर भरोसा क्यों करे?… उन्होंने संजीवनी योजना की भी घोषणा की है, मेरे अनुमान के मुताबिक इस पर 22-24 हजार से 32 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे। दिल्ली सरकार के पास इतना पैसा नहीं है, इसलिए ये योजनाएं केवल जनता को झांसा देने के लिए हैं।

महिला मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करना दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली में महिला वोटरों की संख्या निर्णायक भूमिका निभाती है। चुनाव प्रचार में महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने और उनकी समस्याओं को हल करने की घोषणाएं दोनों दलों की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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