Lifestyle News
Biomagnetic Energy Therapy: एंग्जायटी, माइग्रेन और मोटापा को खत्म कर सकती है थेरेपी
Biomagnetic Energy Therapy: एंग्जायटी, माइग्रेन और मोटापा को खत्म कर सकती है थेरेपी
Authored By: स्मिता
Published On: Friday, January 10, 2025
Last Updated On: Friday, January 10, 2025
बायोमैग्नेटिक एनर्जी थेरेपी एंग्जायटी, माइग्रेन, मोटापा और कुछ पाचन संबंधी बीमारी को दूर करने में मदद करती है। इसके साथ अच्छी बात यह है कि इसका (Biomagnetic Energy Therapy) कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Friday, January 10, 2025
इन दिनों बायोमैग्नेटिक थेरेपी (Biomagnetic Energy Therapy) पर बहुत अधिक चर्चा हो रही है। हम जानते हैं कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। वर्तमान समय में सर्वाइकल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, गठिया, सांस और गुर्दे से संबंधित रोग गंभीर समस्या बन चुके हैं। ऐसी स्थिति में बायोमैग्नेटिक एनर्जी थेरेपी ली जा रही है। यह सीधे रक्त संचार और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है। यह शरीर के विभिन्न अंगों में संतुलन (Biomagnetic Energy Therapy) बनाए रखने में सहायक होती है। सबसे अच्छी बात है कि इस थेरेपी के कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
क्या है बायोमैग्नेटिक एनर्जी थेरेपी (Biomagnetic Energy Therapy)
जर्नल ऑफ़ रीहैबिलिएशन ऑफ़ मेडिसिन के शोध निष्कर्ष के अनुसार, शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए बायोमैग्नेटिक एनर्जी या जैवचुंबकीय ऊर्जा थेरेपी ली जाती है। यह मस्कुलोस्केलेटल क्षति (musculoskeletal damage) या शरीर की असुविधा वाले क्षेत्रों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनाने के लिए स्टेटिक मैग्नेट (Static Magnet) का उपयोग किया जाता है। ब्लड में मौजूद आयरन मैग्नेट के संपर्क में आकर बेहतर ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है। यह थेरेपी शरीर में एनर्जी फ्लो को सुचारु करती है। यह स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
थेरेपी का सेशन (Biomagnetic Energy Therapy Session)
जर्नल ऑफ़ रीहैबिलिएशन ऑफ़ मेडिसिन में बताया गया है कि बायोमैग्नेटिक एनर्जी थेरेपी का सेशन आम तौर पर 30 से 60 मिनट के बीच रहता है। इसमें अधिक समय भी लग सकता है। यह चिकित्सक के अनुभव और लगाए जाने वाले चुंबकीय जोड़ों की संख्या पर निर्भर करता है। क्लाइंट को इसके बारे में प्रारंभिक जानकारी देने के कारण पहला सत्र थोड़ा लंबा हो सकता है। मरीज़ आम तौर पर चार से छह सप्ताह की अवधि में सप्ताह में 5 दिन उपचार करवाते हैं।
फिजिकल हेल्थ को बढ़ावा देती है (Biomagnetic Therapy for Physical Health)
सामान्य बीमारियों में यह कारगर है। यह एंग्जायटी, माइग्रेन, मोटापा और कुछ पाचन संबंधी बीमारी को दूर करने में मदद करती है। बायोमैग्नेटिक थेरेपी फिजियोलोजिकल चेंज ला पाती है। यह फिजिकल हेल्थ को बढ़ावा देती है। यह संभावित रूप से कुछ स्थितियों का इलाज कर पाती है। कुछ शोध में यह बात सामने आई है कि कैंसर और कीमोथेरेपी उपचार से संबंधित दर्द के लिए इलेक्ट्रो मैग्नेटिक और स्टेटिक मैग्नेट चिकित्सा ने लाभकारी प्रभाव नहीं दिखाया है। कैंसर के उपचार में सर्जरी, रेडिएशन, मेडिसिन और अन्य उपचार शामिल हैं। कैंसर के उपचार का लक्ष्य कैंसर को ठीक करना या कम करना या इसे फैलने से रोकना है। बायोमैग्नेटिक थेरेपी को इसके उपचार में बहुत अधिक प्रभावी नहीं देखा गया है।
नहीं हैं साइड इफेक्ट (Biomagnetic Therapy Side Effects)
बायोमैग्नेटिक थेरेपी का कोई नकारात्मक दुष्प्रभाव नहीं हैं। ज़्यादातर लोग सत्र के तुरंत बाद अच्छा महसूस करते हैं। कुछ लोग लंबे और जटिल उपचार के बाद थका हुआ महसूस कर सकते हैं। बायोमैग्नेटिज्म व्यायाम (Exercise) की तरह हो सकता है। यह शरीर के लिए बढ़िया होता है, लेकिन इसके लिए थोड़ा समय चाहिए।
यह भी पढ़ें :- एचएमपीवी वायरस कहीं कोरोना जैसी दस्तक तो नहीं!