World Parkinson’s Day 2025: पार्किंसन डिजीज के प्रति लोगों को जागरूक करना है उद्देश्य

World Parkinson’s Day 2025: पार्किंसन डिजीज के प्रति लोगों को जागरूक करना है उद्देश्य

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, March 31, 2025

Updated On: Monday, March 31, 2025

World Parkinson’s Day 2025 पर जागरूकता बढ़ाने के लिए रिबन पकड़े हुए लोग, पार्किंसंस रोग के लक्षण और उपचार को दर्शाने वाला इन्फोग्राफिक.
World Parkinson’s Day 2025 पर जागरूकता बढ़ाने के लिए रिबन पकड़े हुए लोग, पार्किंसंस रोग के लक्षण और उपचार को दर्शाने वाला इन्फोग्राफिक.

World Parkinson’s Day 2025: जेम्स पार्किंसन के जन्मदिवस 11 अप्रैल को विश्व भर में वर्ल्ड पार्किंसंस डे मनाया जाता है. पार्किंसन डिजीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, March 31, 2025

World Parkinson’s Day 2025: पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease) नर्वस सिस्टम का एक प्रोग्रेसिव मूवमेंट डिसऑर्डर है. यह मुख्य रूप से बुढ़ापे का रोग माना जाता है. इसमें डोपामाइन का प्रोडक्शन करने वाले न्यूरॉन्स की क्षति होती है. इसके परिणामस्वरूप शरीर का कांपना, कठोरता और धीमी गति जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं. पार्किंसंस रोग के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष विश्व पार्किंसन दिवस या वर्ल्ड पार्किंसंस डे (World Parkinson’s Day 2025) मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिन शुक्रवार है.

वर्ल्ड पार्किंसंस डे का इतिहास (World Parkinson’s Day History)

लंदन में जन्मे जेम्स पार्किंसन एक सर्जन, जीवाश्म विज्ञानी, भू वैज्ञानिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे. उन्होंने वर्ष 1817 में ‘शेकिंग पाल्सी पर निबंध’ लिखकर प्रकाशित किया. इस आलेख के माध्यम से पहली बार पार्किंसन को एक चिकित्सा स्थिति के रूप में मान्यता दी गई थी. हम हर 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस मनाते हैं, जो जेम्स पार्किंसन की जन्मतिथि भी है. इस दिन साथ मिलकर हम पार्किंसन से पीड़ित लोगों और उनके प्रियजनों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बेहतर समझ बना सकते हैं.

विश्व पार्किंसंस दिवस 2025 की थीम (World Parkinson’s Day 2025 Theme)

विश्व पार्किंसंस दिवस 2025 की थीम है-पार्किंसन से पीड़ित लोगों और उनके प्रियजनों की मदद करने की कोशिश करना. यह दिन पार्किंसन से पीड़ित लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी एक अवसर है.

पार्किंसंस रोग के कारण (Cause of Parkinson’s Disorder)

नयूरोलोजिस्ट डॉ विनीत बंगा बताते हैं, ‘पार्किंसंस रोग एक जटिल विकार है, जिसका कोई एक ज्ञात कारण नहीं है. यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से भी उत्पन्न हो सकता है.
पार्किंसंस के कुछ मामले विशिष्ट जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं, विशेष रूप से LRRK2, PARK7, PINK1, PRKN, या SNCA जीन में। कीटनाशकों और प्रदूषकों जैसे कुछ विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने को भी संभावित जोखिम कारक माना जाता है।

डोपामाइन का उत्पादन करने वाले न्यूरॉन्स की हानि (Neurons Loss)

मुख्य रूप से पार्किंसंस का कारण मस्तिष्क में डोपामाइन का उत्पादन करने वाले न्यूरॉन्स की हानि है, विशेष रूप से सब्सटेंशिया निग्रा नामक क्षेत्र में. मूवमेंट के लिए डोपामाइन महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर है.

डोपामाइन गति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी कमी से पार्किंसंस के विशिष्ट लक्षण, जैसे कंपन, कठोरता और धीमी गति से चलना, दिखाई देते हैं.

पार्किंसंस रोग का उपचार (Parkinson’s Disorder Treatment)

डॉ. विनीत बंगा के अनुसार, पार्किंसंस रोग का उपचार लक्षणों के प्रबंधन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर केंद्रित है. इसमें आमतौर पर लेवोडोपा, डोपामाइन एगोनिस्ट जैसी दवाएं और शारीरिक और व्यावसायिक चिकित्सा जैसी चिकित्सा शामिल हैं. कुछ मामलों में सर्जरी (जैसे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन) पर विचार किया जाता है.

बढ़ता चला जाता है मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव (Parkinson’s Disorder Side Effects)

स्थिति को खराब होने में आमतौर पर समय लगता है. अधिकांश लोगों का पार्किंसन के साथ सामान्य जीवनकाल होता है. शुरुआती चरणों में रोगी को बहुत कम या बिल्कुल भी मदद की ज़रूरत नहीं होती है. वे स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं. पार्किंसंस रोग में समय के साथ मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव बढ़ता चला जाता है.

पार्किंसन संबंधी प्रमुख जानकारियां

  • पार्किंसंस वृद्ध वयस्कों में अधिक आम है, जिसकी शुरुआत की औसत आयु लगभग 60 वर्ष है.
  • पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पार्किंसंस विकसित होने की संभावना थोड़ी अधिक है।

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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