Kark Sankranti 2025: क्या है कर्क संक्रांति, कैसे की जाती है पूजा और अनुष्ठान

Kark Sankranti 2025: क्या है कर्क संक्रांति, कैसे की जाती है पूजा और अनुष्ठान

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, June 16, 2025

Last Updated On: Monday, June 16, 2025

कर्क संक्रांति 2025 पूजा और अनुष्ठान
कर्क संक्रांति 2025 पूजा और अनुष्ठान

Kark Sankranti 2025: सूर्य जब दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करते हैं, यानी दक्षिणायन होते हैं, तो यह कर्क संक्रांति कहलाती है. यह सूर्य के उत्तरायण होने से अलग है. कर्क संक्रांति दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वर्ष कर्क संक्रांति बुधवार, 16 जुलाई 2025 को है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Monday, June 16, 2025

सूर्य उत्तर से दक्षिण और दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर यात्रा करते हैं. जहां सूर्य की उत्तर दिशा की यात्रा उत्तरायण कहलाती है, वहीँ दक्षिण की यात्रा दक्षिणायन कहलाती है. कर्क संक्रांति भगवान सूर्य के दक्षिण दिशा की यात्रा का प्रतीक है. दक्षिणायन छह महीने की अवधि है, जो कर्क संक्रांति से शुरू होती है. कर्क संक्रांति मकर संक्रांति का प्रतिरूप है. इसे दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
कर्क संक्रांति तिथि और समय (Kark Sankranti 2025 Date & Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार

विवरण जानकारी
कर्क संक्रांति बुधवार, 16 जुलाई 2025
कर्क संक्रांति पुण्य काल 05:40 AM से 05:40 PM तक
अवधि 12 घंटे
कर्क संक्रांति महा पुण्य काल 03:22 PM से 05:40 PM तक
अवधि 02 घंटे 18 मिनट

कर्क संक्रांति के फल (Karka Sankranti Phal)

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कर्क संक्रांति का फल विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए बढ़िया है. वस्तुओं की कीमतें महंगी हो सकती हैं.
लोगों का स्वास्थ्य बढ़िया हो सकता है और अनाज के भंडार में वृद्धि हो सकती है.

कर्क और मकर संक्रांति के बीच अंतर (Difference between Karka Sankranti & Makar Sankranti)

मकर संक्रांति और कर्क संक्रांति 12 वार्षिक संक्रांतियों में से दो हैं. ये हिंदू कैलेंडर में सूर्य के एक नई राशि में संक्रमण को चिह्नित करती हैं. मकर संक्रांति, 14 जनवरी के आसपास होती है, यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो उत्तरायण (सूर्य की उत्तर दिशा की यात्रा) की शुरुआत और सर्दियों के अंत का प्रतीक है. कर्क संक्रांति, 16 जुलाई के आसपास होती है. यह सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश का प्रतीक है, जो दक्षिणायन (सूर्य की दक्षिण दिशा की यात्रा) की शुरुआत और उत्तरायण के अंत का प्रतीक है.

मकर संक्रांति, जनवरी (Makar Sankranti)

उत्तरायण काल की शुरुआत का प्रतीक है, जब सूर्य अपनी उत्तर दिशा की यात्रा शुरू करता है.
इसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, जिसे पूरे भारत में विभिन्न परंपराओं और उत्सवों के साथ मनाया जाता है.
सर्दियों के अंत और लंबे दिनों की शुरुआत से जुड़ा हुआ है।

कर्क संक्रांति, जुलाई (Kark Sankranti)

दक्षिणायन काल की शुरुआत को चिह्नित करता है, जब सूर्य अपनी दक्षिण दिशा की यात्रा शुरू करता है. इसे उत्तरायण के अंत के रूप में भी जाना जाता है. यह छह महीने की अवधि की शुरुआत होती है जब माना जाता है कि देवता सो जाते हैं. सूर्य देव की पूजा अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के साथ की जाती है.

कर्क संक्रांति अनुष्ठान (Kark Sankranti Rituals)

कर्क संक्रांति अनुष्ठानों में सूर्योदय से पहले स्नान करना, सूर्य की प्रार्थना करना, दान करना और कभी-कभी उपवास करना भी शामिल है. यह सूर्य के कर्क राशि में संक्रमण को चिह्नित करता है और आध्यात्मिक विकास और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक शुभ समय माना जाता है.

प्रार्थना और पूजा (Kark Sankranti Prarthana )

स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए सूर्य देव से प्रार्थना की जाती है और प्रसाद चढ़ाया जाता है. सूर्य देव की उपस्थिति और शक्ति का आह्वान करने के लिए विशिष्ट मंत्रों का जाप किया जाता है. सूर्य देव को दूध, हल्दी और अन्य सामग्री के साथ मिश्रित जल का प्रसाद चढ़ाया जाता है.

दान की महत्ता (Charity Importance In Kark Sankranti)

मकर संक्रांति की तरह कर्क संक्रांति में भी दान की महत्ता है. पुण्य अर्जित करने और सूर्य देव से आशीर्वाद पाने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों को कपड़े, खाने के सामान और अन्य जरूरत की चीज़ें दान की जाती हैं.

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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