भारत ही नहीं, नेपाल में भी योगी आदित्यनाथ के हैं लाखों चाहने वाले, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र सिंह के साथ गूंजे उनके नारे

भारत ही नहीं, नेपाल में भी योगी आदित्यनाथ के हैं लाखों चाहने वाले, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र सिंह के साथ गूंजे उनके नारे

Authored By: सतीश झा

Published On: Tuesday, March 11, 2025

Last Updated On: Tuesday, March 11, 2025

नेपाल में भी योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता, गूंजे नारे
नेपाल में भी योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता, गूंजे नारे

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि नेपाल में भी उनके लाखों प्रशंसक हैं. हाल ही में, नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह के साथ योगी आदित्यनाथ के समर्थन में नारे लगाए गए, जिससे यह साफ हो गया कि नेपाल में भी उनकी छवि एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में बनी हुई है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Tuesday, March 11, 2025

सवाल यह है कि नेपाल में हजारों लोग सड़कों पर क्यों उतर आए हैं और उनके हाथों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तस्वीरें क्यों दिख रही हैं? दरअसल, नेपाल के लोग चीन समर्थक वामपंथी सरकारों से असंतुष्ट हैं. उनका मानना है कि राजशाही समाप्त होने के बाद नेपाल लोकतंत्र तो बना, लेकिन वह केवल नाममात्र का रह गया है. अब इन लोगों ने नेपाल में दोबारा राजशाही स्थापित करने का मन बना लिया है.

हजारों की भीड़ ने राजधानी काठमांडू में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का भव्य स्वागत किया और राजशाही की बहाली तथा हिंदू धर्म को फिर से राज्य धर्म घोषित करने की मांग उठाई. पूर्व राजा के लगभग 10,000 समर्थकों ने जब वह पश्चिमी नेपाल के दौरे से लौटे, तो काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के मुख्य प्रवेश द्वार को घेर लिया और राजशाही की वापसी के समर्थन में नारे लगाए.

नेपाल में गोरक्षपीठ का गहरा प्रभाव

नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध हैं. खासकर, गोरक्षपीठ का नेपाल में गहरा प्रभाव रहा है. योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के पीठाधीश्वर होने के नाते नेपाल में भी अत्यधिक सम्मानित हैं. नेपाल के कई हिस्सों में गोरखनाथ संप्रदाय के अनुयायी हैं, जो योगी आदित्यनाथ को एक आध्यात्मिक और राजनीतिक शक्ति के रूप में देखते हैं.

पूर्व राजा के साथ योगी के समर्थन में लगे नारे

हाल ही में नेपाल में आयोजित एक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान, जब नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह वहां पहुंचे, तो योगी आदित्यनाथ के समर्थन में भी नारे गूंजने लगे. स्थानीय लोगों ने ‘योगी-योगी’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष किए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि नेपाल में भी योगी आदित्यनाथ की एक बड़ी फैन फॉलोइंग है.

नेपाल में फिर राजशाही की मांग तेज

नेपाल में राजशाही की समाप्ति के 16 साल बाद एक बार फिर इसकी बहाली की मांग तेज होती जा रही है. देश में 1769 से चली आ रही राजशाही का अंत साल 2008 में हुआ, जब 28 मई को नेपाल को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य (Federal Democratic Republic) घोषित कर दिया गया. इसके तुरंत बाद पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को राजमहल खाली करने का आदेश दिया गया और नेपाल एक लोकतांत्रिक देश बन गया. नेपाल ने इसी दौरान अपने हिंदू राष्ट्र के दर्जे को छोड़कर धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनने का फैसला किया. 2015 में नया संविधान लागू होने के बाद नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बने. 2017 में कम्युनिस्ट पार्टी की फिर से सरकार बनी, लेकिन पार्टी में आंतरिक कलह लगातार जारी रही. राजनीतिक अस्थिरता के कारण नेपाल में सत्ता और विपक्ष, दोनों ही कमजोर होते दिख रहे हैं. ऐसे में अब कुछ समूह राजशाही की बहाली और नेपाल को दोबारा हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग कर रहे हैं.

नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग और योगी आदित्यनाथ

नेपाल में एक बड़ा वर्ग फिर से देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग कर रहा है. 2008 में नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया था, लेकिन हाल के वर्षों में हिंदू राष्ट्र की बहाली को लेकर आवाजें तेज हुई हैं. इस संदर्भ में, योगी आदित्यनाथ को हिंदू विचारधारा के प्रखर समर्थक और मजबूत नेता के रूप में देखा जाता है, जो नेपाल के लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ा रहा है.

योगी की नेपाल में बढ़ती लोकप्रियता के मायने

योगी आदित्यनाथ की नेपाल में लोकप्रियता भारत-नेपाल संबंधों को मजबूत बनाने में भी अहम भूमिका निभा सकती है. गोरखनाथ पीठ का नेपाल में प्रभाव होने के कारण, योगी आदित्यनाथ को वहां धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से सम्मान प्राप्त है. नेपाल के हिंदूवादी संगठनों और आम जनता में उनकी लोकप्रियता, आने वाले समय में भारत और नेपाल के संबंधों को एक नई दिशा देने में सहायक हो सकती है. नेपाल में योगी आदित्यनाथ के समर्थन में लगे नारे यह दर्शाते हैं कि वे सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदुत्व और सुशासन के प्रतीक बनते जा रहे हैं.

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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