States News
पश्चिम बंगाल में शिक्षक बर्खास्तगी पर SC का फैसला मानने से ममता का इन्कार, कहा- मैं जेल जाने के लिए भी तैयार
पश्चिम बंगाल में शिक्षक बर्खास्तगी पर SC का फैसला मानने से ममता का इन्कार, कहा- मैं जेल जाने के लिए भी तैयार
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, April 7, 2025
Updated On: Monday, April 7, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banarjee) एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं. इस बार उनका सामना किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी से नहीं, बल्कि न्यायपालिका से हो गया है. सवाल उठ रहा है – क्या एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को न्यायपालिका से इस तरह टकराना शोभा देता है? या फिर इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति छिपी है?
Authored By: सतीश झा
Updated On: Monday, April 7, 2025
West Bengal teacher dismissal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) ने राज्य के उन हजारों लोगों से सीधा संवाद किया, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के आदेश के बाद अपनी नौकरी खो दी है. ये सभी लोग पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर नियुक्त थे, लेकिन हालिया न्यायिक फैसले ने इनकी नियुक्तियों को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने हाल ही में एक अहम फैसले में कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और अन्य प्रक्रियाओं में भारी अनियमितताएं हुई हैं, जिसके चलते हजारों नियुक्तियां रद्द कर दी गईं. कोर्ट के अनुसार, यह फैसला शिक्षा में पारदर्शिता और योग्यता की रक्षा के लिए जरूरी था.
सोमवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banarjee) ने 2016 की शिक्षक भर्ती के तहत बर्खास्त किए गए शिक्षकों के एक वर्ग से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने भावुक अंदाज़ में आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है और “योग्य उम्मीदवार बेरोजगार नहीं रहेंगे.” यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) की 2016 की 25,752 नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश के कुछ ही दिन बाद हुई है. कोर्ट ने इन नियुक्तियों को भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण अवैध करार दिया था.
ममता बनर्जी का जवाब: न्याय बनाम संवेदना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) ने स्पष्ट किया कि सरकार ने हार नहीं मानी है. उन्होंने संकेत दिया कि वह वैकल्पिक समाधान तलाशने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने अपने भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि यह केवल कानूनी नहीं, बल्कि मानवता से जुड़ा मसला है. उन्होंने नियुक्त कर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी पीड़ा को सरकार अनदेखा नहीं करेगी.
इस स्टैंड से यह साफ हो गया है कि उनकी सरकार बर्खास्त शिक्षकों के पक्ष में खुलकर खड़ी है. उन्होंने संकेत दिया है कि यदि जरूरत पड़ी तो नए नियमों या नीतियों के तहत पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा हाईकोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें 25,752 शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था. शीर्ष अदालत ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं और धोखाधड़ी सामने आई हैं.
राजनीतिक गर्मी और विपक्ष का निशाना
ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) के इस बयान को जहां उनके समर्थकों ने सहानुभूति और संवेदना की आवाज़ बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक करार दिया। BJP के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा – “एक मुख्यमंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) के आदेश पर सवाल उठाना संविधान की मर्यादा का उल्लंघन है.”
बंगाल में 25,000 से अधिक नौकरियां रद्द होने पर BJYM का प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में स्कूली नौकरियों को लेकर उठे भूचाल के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन राज्यभर में उन हजारों लोगों की नौकरी जाने के विरोध में हुआ है, जिनकी नियुक्ति 2016 की स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती प्रक्रिया के तहत की गई थी.
इस फैसले के बाद BJYM कार्यकर्ताओं ने ममता सरकार पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए राजधानी कोलकाता सहित कई जिलों में प्रदर्शन किया. युवा मोर्चा के नेताओं ने “नौकरी चोर सरकार”, “भ्रष्टाचार मुक्त बंगाल” जैसे नारे लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
आगे क्या?
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या ममता बनर्जी इस मुद्दे को केंद्र बनाकर आने वाले चुनावों में भावनात्मक लहर खड़ी करेंगी. वहीं शिक्षा विभाग और कानूनी विशेषज्ञों के बीच इस बात पर भी मंथन चल रहा है कि क्या इन कर्मचारियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था संभव है. इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को एक बार फिर न्याय बनाम जनभावना के चौराहे पर ला खड़ा किया है. ममता बनर्जी का यह भावुक अंदाज़ उनके राजनीतिक व्यक्तित्व का परिचित पक्ष है, लेकिन क्या इससे उनकी सरकार कोई व्यावहारिक समाधान निकाल पाएगी, यह आने वाला वक्त बताएगा.